Tuesday, January 30, 2018

10 facts about Salman Khan that not everyone knows

Salman Khan is one of India's biggest stars, and there is little about Bhai that his fans do not know about him. Yet, there are some things about Sallu that only those in his closest circle are aware of. 

Here are some less-known things about the Dabangg star:-

1.   Every year, Salman Khan's birthday cake is brought in at his family farm in Panvel. Salman hates cutting cakes on his birthday. Since the family insists on the cake-cutting ceremony, he makes one of his nephews do the needful. There is a clamour among Salman's nephews as to who will cut the cake for 'Chachu'.

2.   Salman's brother Sohail's sons Nirvaan and Arhaan are very close to Salman. In fact, they're as attached to their 'Chachu' Salman as they are to their own father. Nirvaan already has plans of becoming an actor. He seeks his Chachu's advice and guidance regularly.

3.   Salman Khan hates any kind of physical contact with anyone except his two moms, Salma and Helen. Even friends get a very tentative hug. Brothers Arbaaz, Sohail and Salman never cuddle up or snuggle together. Salman is plainly and simply shy of physical intimacy.
 
4.   Makes friends for life but also makes enemies for a lifetime… or so he says. Doesn't suffer backstabbers easily. Considers Vivek Oberoi a serious backstabber. However, most of the other 'lifelong enemies' gradually turn into friends and are known to wriggle their way back into Salman's favour. Himesh Reshammiya and Subhash Ghai are prime examples.
 
5.   Best friends are Sajid Nadiadwala, Kamaal Khan (London-based singer), and currently, director Ali Abbas Zafar, the director of Sultan and Tiger Zinda Hai, with whom Salman is already planning his third film, that will have nothing to do with either wrestling or wildlife. Tiger Zinda Hai lekin abhi Salman ussey maar chukka hai, so no third Tiger film for three years.


6.   Favourite current heroines: Katrina Kaif and Jacqueline Fernandez. Most un-favourite heroines Priyanka Chopra and, for some inexplicable reason, Deepika Padukone.
 
7.   Is currently off-alcohol. Doesn't touch a drop. Preparing to play Chulbul Pandey in Dabangg 3, which his brother Arbaaz will produce. But Prabhudhevaa will direct. No more professional compromises for the family.
 
8.   In spite of being the most successful star of Indian cinema, Salman lives in a 3-bedroom apartment in Mumbai's Bandra with his parents. He won't move out because he can't live without his parents.
 
9.   Also, he won't kiss his heroines and won't do villainous roles.
 
10.   Here is what Salman WILL do in 2018: Another film with Katrina Kaif. He has promised her that. And as we know, Bhai ek baar commitment kar leta hai toh woh kissika nahin sunta. Amen.

स्कूली बच्चों में क्यों पनप रही हिंसक प्रवृत्ति?

मशहूर शायर निदा फ़ाजली साहब की उंगलियां जब इन शब्दों को रच रही होंगी, तब निश्चित तौर पर उनके जेहन में आज की शिक्षा व्यवस्था के प्रति एक जबर्दस्त आक्रोश का भाव रहा होगा. उस शिक्षा के प्रति, जो बच्चों की कल्पना के पंखों को कतरकर उनसे उनको बचपने से महरूम करके हम जैसा परिपक्व और ठस्स बना रही है. नौ साल पहले सन 2009 में आई लगभग तीन घंटे की लंबी किंतु बेहद रोचक, अत्यंत चर्चित एवं सुपरहिट फिल्म थ्री इडियट्स ने भी कहीं न कहीं निदा साहब के इन विचारों के प्रति अपनी स्वीकृति का फिल्मी इज़हार किया था.


यहां बहुत गंभीर और एक अत्यंत संवेदनात्मक चिंता यह है कि क्या इनका कोई प्रभाव, तनिक भी प्रभाव समाज अथवा अभिभावकों की चेतना पर पड़ा. यदि पड़ा होता, तो मुझे नहीं लगता कि कुछ ही समय के अंतराल में हुई देश को दिल दहला देने वाली ये तीन मासूम किंतु अत्यंत क्रूर घटनाएं देश के कानों को सुनने को मिलतीं. अनेक अनजानी घटनाओं के अतिरिक्त ये तीन घटनाएं हैं -
लखनऊ की मात्र 11 साल की एक लड़की स्कूल के एक 7 साल के लड़के की चाकू मारकर हत्या कर देती है. क्यों? मात्र इसलिए, ताकि उस दिन स्कूल की छुट्टी हो जाए.
- गुरुग्राम स्कूल का लगभग इसी उम्र का एक छात्र एक छोटे से लड़के को इसलिए मार देता है, ताकि परीक्षा की तारीख टल जाए.
- हरियाणा के यमुना नगर का एक छात्र अपने ही स्कूल की प्राचार्य की छाती पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा देता है, ताकि वह उसकी शिकायत करने के लिए बचे ही नहीं.
पढ़ाई के प्रति अरुचि और विद्रोह का एक अन्य रूप वहां दिखाई देता है, जब बच्चे खुद के प्रति हिंसक और निर्मम होकर स्वयं को ही खत्म कर रहे हैं. इस तरह की घटनाएं अभी तक अमेरिका में तो खूब होती थीं, अब अपने यहां भी शुरुआत हो गई है. भारत, अमेरिका बनने की राह पर है! हम विकसित हो रहे हैं(?).
महानगरों और उससे थोड़े छोटे नगरों की बात तो छोड़िए, आप डेढ़-दो लाख की आबादी वाले शहरों में सुबह-सुबह घूमने निकल जाइए. आपको पीले रंग की बड़ी-बड़ी बसें, काला धुंआ उगलते और भयानक शोर मचाते हुए ऑटो ऐसे बेतहाशा भागते हुए दिखाई देंगे, जिनमें ठूंसे हुए नन्हे बच्चे ऊंघते नजर आएंगे. इससे उनके दिन की शुरुआत होती है और होमवर्क करते-करते ही बिस्तर पर लुढ़क जाने से उनके दिन का अंत होता है. ऐसा इसलिए, सिर्फ इसलिए किया जाता है, ताकि स्कूल की बिल्डिंग का मालिक दो पालियों में स्कूल चलाकर अपनी लागत पर अधिक से अधिक लाभ कमा सके. अभिभावक इसके पक्ष में इसलिए रहते हैं, ताकि वे बच्चों से छुट्टी पाकर अपने-अपने कामों में लग सकें. 
हम लोगों के समय स्कूलों की होने वाली छुट्टियों की बात आज परी कथाओं की तरह अविश्वसनीय हो गई हैं. हम लोगों को अफसोस होता था कि इतनी छुट्टियां क्यों हो गईं. आज हमारे बच्चों को अपने ही साथियों की हत्या करनी पड़ रही है, ताकि छुट्टियां हो जाएं.
अभी जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनने वाली है, उसमें इस तथ्य पर भी विचार किया जाना चाहिए और पूरी गंभीरता से किया जाना चाहिए. मुझे यह समस्या एक ग्लेशियर की तरह मालूम पड़ रही है, जो दिखता तो बहुत कम है, लेकिन खतरनाक बहुत अधिक होता है. 'टाइटैनिक' को याद कर लीजिए.

Sunday, January 28, 2018

SpaceX schedules early February launch of Falcon Heavy rocket

The Falcon Heavy, a reusable super heavy-lift launch vehicle, is seen as the world's most powerful rocket since NASA's Saturn V moon rocket in the 1960s.

Now, the California-based space company has scheduled the first flight of the three-core heavy-lift rocket for early February.
"Aiming for the first flight of Falcon Heavy on February 6 from Apollo launchpad 39A at Cape Kennedy," SpaceX founder Elon Musk tweeted. "Easy viewing from the public causeway."
Its first stage is composed of three Falcon 9 nine-engine cores whose 27 Merlin engines together generate more than 5 million pounds (2.3 million kg) of thrust at liftoff, equal to about eighteen 747 aircraft.
Only the Saturn V moon rocket, last flown in 1973, delivered more payload to orbit.
Falcon Heavy was designed to carry humans into space and restores the possibility of flying missions with a crew to the Moon or Mars, according to SpaceX.

डियर जिंदगी : जयपुर लिटरेचर फेस्‍टिवल; रास्‍ता न सही पगडंडी सही

बच्‍चों, युवाओं के लिए जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन रास्‍ता न सही, लेकिन पगडंडी बनाने का काम तो करते ही हैं. बच्‍चों को उनका साथ मिलता है, जिनको वह पढ़ते सुनते आए हैं. उनके लिए यह कुछ ऐसा ही है, जैसा किसी किताब में नदी के बारे में पढ़ना और किसी दिन नदी किनारे बैठना.
रसूल हमजातोव मुझे उतने ही मेरे लगते हैं, जितने प्रेमचंद. दोनों के नजदीक जाकर दिल को सुकून मिलता है. जिंदगी को, खुद को समझने और हमारी समझ के आगे आ बैठे कुहासे से गुजरने में आसानी होती है. रसूल का विश्‍वप्रसिद्ध उपन्‍यास ‘मेरा दागिस्‍तान' इतना प्रिय है कि इसके मुख्‍य किरदार अबूतालिब से मेरी रोज़ ही बात हो जाती है. क्‍योंकि अबूतालिब हमारे एकदम पड़ोस में रहने वाले जैसे ही हैं.

अबूतालिब अक्‍सर मेरी तब मदद करते हैं, जब मैं निर्णय लेने से हिचकिचाने वाला होता हूं. जब कभी कोई मुश्किल घेरने की कोशिश करे. जब किसी भी पहाड़ से कोई भी चट्टान दरकने लगती है, मेरी ओर आने लगती है, अबूतालिब अचानक से उस चट्टान को आकर थाम लेते हैं. मुझे बचा लेते हैं. ऐसा रिश्‍ता है, मेरा उनके साथ! जिसे समझाया नहीं जा सकता, बस बताया जा सकता है.

‘जिंदगी’ के किस्‍से में यह किताबों का जिक्र इसलिए आया, क्‍योंकि मैं जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में‍ शामिल होने आया हूं. किताबों की महक के बीच दुनियाभर के 300 से अधिक लेखकों, विद्वानों और प्रकाशकों से मिलने में यह मेला खासा मददगार होता है. किताबों से आने वाली दोनों तरह की महक मुझे बेहद प्रिय है. पहली वह जो एकदम नई, ताजी किताब को पलटते हुए हमारे भीतर तक पहुंचती है. दूसरी वह जो पुरानी किताब को खोजते हुए मानो उसकी शिकायत के रूप में हम तक आती है कि ‘इतने दिन कहां रहे.’
यह भी पढ़ें- डियर जिंदगी : समाधान 'भीतर' ही हैं...
जयपुर लिटरेचर फेस्‍टिवल से मेरा रिश्‍ता कोई एक दशक का हो चला है. यहां कुछ दिन बिताना, खुद को ‘अमराई’ की छांव में पाने जैसा लगता है. आयुर्वेद के अनुसार बीमारी से उबरने में आम के पेड़ों यानी अमराई के आसपास बिताया समय बड़ा मददगार होता है. ‘साहित्‍य उत्‍सव’ में लेखकों के सानिध्‍य और सुनने का अवसर, किस्‍से, कहानियों की छांव भी जिंदगी में आए तनाव पर ‘अमराई’ जैसा असर करने की क्षमता रखते हैं.
बच्‍चों, युवाओं के लिए ऐसे आयोजन रास्‍ता न सही, लेकिन पगडंडी बनाने का काम तो करते ही हैं. बच्‍चों को उनका साथ मिलता है, जिनको वह पढ़ते सुनते आए हैं. उनके लिए यह कुछ ऐसा ही है, जैसा किसी किताब में नदी के बारे में पढ़ना और किसी दिन नदी किनारे बैठना.
यह भी पढ़ें- डियर जिंदगी : तनाव और 'अ'सोशल टेक्‍नोलॉजी
युवा, बच्‍चों के दिमाग में तकनीक का नकारात्‍मक असर इसलिए भी हुआ है, क्‍योंकि उनका अपने आसपास के जीवन, किताबों, मेलों और लेखकों से संवाद रुका नहीं खत्‍म होने की कगार पर है. किताबों से टूटते संबंध का सीधा असर उन्‍हें उस तकनीक के पास ले गया, जहां नीरसता और अकेलेपन के गहरे चक्रव्‍यूह हैं. इनका असर हम ‘ब्‍लू व्‍हेल' जैसे हादसों के रूप में देख रहे हैं.
इसलिए जितना संभव हो बच्‍चों को इस तरह के कार्यक्रम का हिस्‍सा बनाएं. इसमें कभी यह समझने की भूल नहीं करनी चाहिए कि बच्‍चों के लिए दिशा से भटकने, समय खराब करने जैसा मामला है. बल्कि इस तरह के संवाद का हिस्‍सा बनने से बहुत संभव है कि उन्‍हें अपने रास्‍तों को तलाशने, मुश्किल वक्‍त में जमीन से जुड़े रहने और संघर्ष करने का वह साथ मिल जाए, जिससे आपका ही बहुत सा तनाव कम हो जाएगा.

IPL Auction टेबल पर बैठते ही छा गई यह लड़की

आईपीएल नीलामी के पहले दिन खिलाड़ियों की खरोद-फरोख्त के बीच एक और नाम की चर्चा भी रही.
लोकेश राहुल और मनीष पांडे जैसे भारतीय खिलाड़ियों पर आज (27 जनवरी) आईपीएल की नीलामी में फ्रेंचाइजी ने काफी धनराशि खर्च की जबकि इंग्लैंड के हरफनमौला बेन स्टोक्स सबसे महंगे बिके. मैदान के बाहर के विवादों के बावजूद राजस्थान रायल्स ने बोली प्रक्रिया में किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपर किंग्स को पछाड़कर 12 करोड़ 50 लाख रुपए में स्टोक्स को खरीदा. खिलाड़ियों की खरोद-फरोख्त के बीच एक और नाम की चर्चा भी पहले दिन रही. तो आइये जानते हैं इस खास चेहरे के बारे में जो इस समय सुर्खियों में है. 

केकेआर टीम की ओर से अभिनेत्री चूही चावला, उनके पति जय मेहता नीलामी में शामिल हुए. जूही की बेटी जाह्नवी मेहता आईपीएल नीलामी 2018 में आकर्षण का केंद्र रही. जाह्नवी आईपीएल ऑक्शन टेबल पर बैठी नजर आईं.

आईपीएल 2018 के ऑक्शन टेबल पर 17 साल की जाह्नवी कोलकाता नाइट राइडर्स की मैनेजमेंट टीम की एक प्रमुख सदस्य के रूप में मौजूद थीं जो कि इस नंबर गेम में हिस्सा ले रही थीं. लाइमलाइट से दूर रहने वाली जाह्नवी इस कारण से सुर्खियों में हैं और आईपीएल ऑक्शन की उनकी तस्वीरें सोशल मडीयिा पर काफी तेजी से वायरल हो रही हैं.

Deepika Padukone's favourite co-star is Ranbir Kapoor and not Ranveer Singh?

Deepika has worked with many biggies such as Amitabh Bachchan and Shah Rukh Khan.
The current number one Bollywood actress Deepika Padukone can finally be relieved as her much-awaited film Padmaavat has finally hit the screens nationwide. Padmaavat has got her huge accolades and appreciation from the viewers.
The diva, who played the titular role of Rani Padmavati not only has left the fans speechless with her performance but also film industry bigwigs are moved by her act.

Now, the dimpled beauty recently appeared on a chat show BFFs With Vogue hosted by Neha Dhupia. She was accompanied by her sister Anisha Padukone on the show and they were like a house on fire.
According to Dnaindia.com, Neha in a segment of the show titled '‘Say it or strip it’, she asked Dippy to name fellow actor other than Ranveer Singh, who brings out the best in her. To this Deepika said, Ranbir Kapoor.
The report quotes a source from the sets as saying, “Even her sister Anisha took Ranbir’s name. However, later, Deepika added her Piku co-star Irrfan’s name, too.”
Deepika has worked with many biggies such as Amitabh Bachchan and Shah Rukh Khan in various films.

स्मार्टफोन का Power बटन करता है इतने काम, अभी तक नहीं जानते होंगे आप

अक्सर स्मार्टफोन खरीदने पर हम तरह-तरह की सेटिंग्स को ऑन रखते हैं. कई तरह के फीचर्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या कभी सोचा है कि फोन को बंद करने के लिए इस्तेमाल में आने वाले पावर बटन का क्या-क्या इस्तेमाल है. ज्यादातर लोग इसे फोन बंद करने या फोन को साइलेंट करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, पावर बटन के कई फीचर्स ऐसे हैं जो आप नहीं जानते होंगे. फोन का पावर बटन से कई काम करता है. फोन के पावर बटन से कॉल रिसीव भी होगी और कट जाएगी. इसके लिए अलग से कोई सेटिंग करने या ऐप डालने की जरूरत नहीं है. आइए जानते हैं कैसे काम करता है पावर बटन का ये फीचर.
बहुत आसान है फीचर
इस फीचर का इस्तेमाल बहुत आसान है. इसके लिए फोन की सेटिंग में जाकर सिर्फ एक ऑप्शन को ऑन करना है. इसके बाद आप फोन के पावर बटन से दूसरे 2 काम और कर सकेंगे.

कैसे करें फीचर ऑन
  • फोन की सेटिंग में जाकर Accessibility में जाएं.
  • यहां नीचे की तरफ पावर बटन एंड कॉल का ऑप्शन दिखाई देगा.
  • अब आप फोन के पावर बटन से कॉल को काट सकते हैं.
  • कई फोन में कॉल को रिसीव का ऑप्शन भी होता है.
आगे जानिए कौन सी हैं वो 3 सेटिंग जिन्हें बंद ही रखना चाहिए...
बंद करें ये 3 सेटिंग्स, इससे नुकसान होता है
कुछ सेटिंग्स ऐसी होती हैं जो आपका बड़ा नुकसान कर सकती है. ये सेटिंग फोन के डाटा, बैटरी और सेफ्टी को नुकसान पहुंचाती है. कभी-कभी तो ये सेटिंग पहले से ही ऑन रहती हैं तो कभी गलती से ऑन हो जाती हैं. इनको ऑफ ही रखना चाहिए. 
कहां से करें सेटिंग्स को बंद
फोन की सेटिंग में जाकर गूगल में जाएं. गूगल का आप्शन हर स्मार्टफोन में अलग होता है. हालांकि, ये फोन की कॉमन सेटिंग्स हैं जो सेटिंग के ऑप्शन में ही मिलती हैं. इसमें जाने के बाद प्ले गेम्स का ऑप्शन दिखाई देगा. इस पर टैप करने के बाद दो सेटिंग्स दिखाई देंगी. साइन इन टू गेम्स ऑटोमैटिकली और यूज दिस अकाउंट टू साइन इन (Use this account to sign in) इन दोनों सेटिंग्स को हमेशा ऑफ ही रखना चाहिए.
लगातार खर्च होती है बैटरी
इन दोनों सेटिंग्स को ऑन रखने से कोई भी गेम डाउनलोड करने से उसमें ऑटोमैटिकली आप साइन इन हो जाते हैं. फोन का डाटा और बैटरी लगातार खर्च होती है. इससे बचने के लिए इन सेटिंग्स को ऑफ रखना जरूरी है. इन ऑप्शन की वजह से बैटरी की लाइफ आधी रह जाती है. 
नोटिफिकेशन सेटिंग को बंद करें
ऊपर की दोनों सेटिंग्स को बंद करने के बाद नीचे जाने पर आपको रिक्वेस्ट नोटिफिकेशन का ऑप्शन दिखाई देगा. इस सेटिंग को भी ऑफ रखना जरूरी है. अगर ये ऑन रहती हैं तो लगातार गेम्स से जुड़े नोटिफिकेशन आपके पास आते रहेंगे. इससे भी फोन का डाटा और बैटरी खर्च होती है. अगर आप भी चाहते हैं कि आपका डाटा और फोन की बैटरी लंबी चले तो इन सेटिंग्स को बंद रखना जरूरी है. जी न्यूज आपको ऐसी जानकारी लगातार देता रहेगा. इससे जुड़े अपडेट के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.